पेड़ और मनुष्

मैने पेड़ से पूछा,
तुम युगों युगों तक रहे अचल,
और अविचलित तुमने दिया,
पथिकों को छाया और फल।
फिर भी तुम रहे सदा प्रसन्न,
और हरे भरे?