एक खूबसूरत एहसास


तुम महज़ एक खूबसूरत एहसास हो।

तुम्हें देखा नहीं जा सकता। 

नहीं। तुम्हें देखा जा सकता है, 

लेकिन, तुम्हें सिर्फ एक खास तरह से

देखा जा सकता है

किसी और तरह से नहीं।

वरना तुम , तुम नहीं रहोगी। 

तुम्हें छुआ नहीं जा सकता है। 

क्योंकि छूने से तुम, 

मैली हो जाओगी।

या फिर कुम्हला जाओगी।

तुम्हें कहा नहीं जा सकता है।

क्योंकि कहने में एहसास कम पड़ जाते है, 

या फिर जो मैं कहूंगा 

उसमें मैं अधिक और “तुम” कम हो सकती हो।

हां। तुम्हें सुना जा सकता है

क्यूंकि वह तुम हो

तुम सृजन हो, सच हो, मौलिक हो। 

तुम्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है

क्यूंकि तुम एक खूबसूरत एहसास हो 

जो कि अनदेखा,अनछुआ और अनकहा है

अगर मैं इस खूबसूरत एहसास को 

महसूस कर सकता हूं

तो तुम सदा के लिए हमारी हो।