राेेजगार के घटते अवसर

यह सही बात है  कि मौजुदा परिस्थितियोंं में रोजगार के अवसरों में कमी आई है à¥¤ कोविड महामारी ने तो इसमें इजाफा ही किया है। बहुत सारे उधोग धंंधे चौपट हो गए । विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाााएं   à¤à¤¦ या à¤¸à¥à¤¥à¤—ित होने से   à¤¸à¥‡ भी युवााओं  को मिलने à¤µà¤¾à¤²à¥€  नौकरी में देरी à¤¹à¥‹ रही है। तकनीकी का à¤¬à¤¢à¤¼à¤¤à¤¾ दखल भी इसका एक कारण है à¥¤ आर्टिफिशियल इंटेलीजेेस जैसी तकनीक से   à¤¨à¥Œà¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ं पर असर पडनाा तय है। सरकारी नौकरियों  मेंं कमी की à¤­à¤°à¤ªà¤¾à¤¾à¤ˆ के लिए निजी à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° à¤•à¤¾ सहयोग लेना आज की à¤¸à¤–्त à¤œà¤°à¥‚रत  है । माननीय मंत्रियोंं नेेकई बार यह उजागर  किया à¤¹à¥ˆ कि सरकार का काम बिजनेस करना या उधोग चलााना नही है। निसंदेह सरकार का काम  à¤‰à¤§à¥‹à¤— चलााना नही है  लेकिन  चुनावी घोषणा में ये माननीय रोजगार का मुददा खूूब उछालते है।  सरकारी नौकरियों में कमी की भरपाई निजी क्षेेत्र कर सके , इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाना à¤†à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤• है।