à¤à¤• खूबसूरत , मगर अजनबी
हवा का à¤à¥‹à¤‚का
जेठकी दà¥à¤ªà¤¹à¤°à¥€ में
अपनी महक और शीतलता से
मà¥à¤à¥‡ महका रहा था।
à¤à¤• सà¥à¤®à¤¿à¤¤ हासà¥à¤¯ और
पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤¾à¤‚कित आंखों से
यह शीतल किंतॠचंचल समीर
कà¥à¤› असहज, कà¥à¤› अनमना
कà¥à¤› अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤ सा
बहा जा रहा था।
à¤à¤• मनमीत से मिलन
की आस और
मन की बात बांट लेने
का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸
तन मन को कसका रहा था।
ये महज़ संयोग था
या फिर
à¤à¤• खूबसूरत, मगर नामà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨
और अनकहे रिशà¥à¤¤à¥‡
की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ का योग था।